हरियाणा कमांडर .नई दिल्ली /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सेना के तीनों अंगों के कमांडरों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता आईएनएस विक्रमादित्य पर की। यह वार्षिक बैठक पहली बार दिल्ली के बाहर हुई। बैठक कोच्चि तट से 50 किलोमीटर दूर नौसेना के पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ शुरू हुई बातचीत इतिहास को बदलने और आतंकवाद को समाप्त करने का प्रयास है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पड़ोसी देश को आतंकवाद पर उसकी प्रतिबद्धता के आधार पर परखा जाएगा। मोदी ने यह भी कहा कि भारत अपनी सुरक्षा में कभी ढील नहीं देगा। उन्होंने स्वीकार किया कि इस राह में कई चुनौतियां और बाधाएं हैं। भारत के सबसे बड़े विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर देश के शीर्ष कमांडरों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ बातचीत कर नया इतिहास बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि आतंकवाद को समाप्त किया जा सके, शांतिपूर्ण संबंध बने, सहयोग बढ़े और हमारे क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को प्रोत्साहन मिले।उन्होंने कहा कि इस राह में कई चुनौतियां और बाधाएं हैं। लेकिन प्रयास इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि शांति के परिणाम काफी अच्छे होंगे और हमारे बच्चों के भविष्य दांव पर लगे हैं। इसलिए, हम आगे के रास्ते को परिभाषित करने के लिए उनके इरादे को परखेंगे।इसके लिए हमने नये सिरे से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत शुरू की है। यह पहली बार है जब मोदी ने पिछले हफ्ते हुई द्विपक्षीय बातचीत के बाद पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा की है। बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर परिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना के सभी तीनों अंगों के प्रमुख के अलावा उनके वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।सुबह शुरू हुई बैठक में प्रधानमंत्री को सेना के प्रमुख मुददों के बारे में जानकारी दी गई। इस बैठक को एकीकृत कमांडर कांफ्रेंस कहते हैं।कांफ्रेंस के दौरान देश की रक्षा नीति, सिद्धांत और परिचालन चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा होती है।मोदी ने आईएनएस विक्रमादित्य रवाना होने से पहले दक्षिणी नौसेना कमान पर सेना के तीनों अंगों के गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक मोदी ने इस तरह के महत्वपूर्ण आयोजन का सुझाव दिल्ली से बाहर यानी सेना के तीनों अंगों के दूसरे फील्ड एरिया में करने की सलाह दी थी। पीएम मोदी ने इस दौरान पोत आईएनएस विक्रमादित्य के कर्मचारियों के साथ फोटो भी खिंचवाई।