नई दिल्ली. पार्लियामेंट का विंटर सेशन बुधवार को खत्म हो गया। राज्यसभा में कांग्रेस समेत अपोजिशन के हंगामे के चलते पूरे सेशन के कामकाज का आधा वक्त बर्बाद हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकेले राज्यसभा नहीं चलने से सरकार के 10 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए, जबकि लोकसभा में 104% काम हुआ।
10 करोड़ रुपए कैसे हुए बर्बाद?
राज्यसभा में 112 घंटे काम होना था, लेकिन 55 घंटे हंगामे के कारण बर्बाद हो गए।
वक्त |
कितना खर्च |
एक मिनट के कामकाज पर |
29 हजार रुपए का खर्च |
एक घंटे के कामकाज पर |
17 लाख रुपए |
अगर 55 घंटे बर्बाद हुए तो |
10 करोड़ रुपए |
लोकसभा में कितना काम हुआ?
- विंटर सेशन में लोकसभा में भी हंगामा हुआ, लेकिन बीजेपी की मेजॉरिटी के कारण कामकाज होता रहा।
- वहां 114 घंटे के तय वक्त से 60 मिनट ज्यादा यानी 115 घंटे काम हुआ।
अब तक कैसा रहा संसद के कामकाज का रिकाॅर्ड?
*सेशंस |
लोकसभा में प्रोडक्टिविटी |
राज्यसभा में प्रोडक्टिविटी |
बजट सेशन 2014 |
103% |
106% |
विंटर सेशन 2014 |
98% |
58% |
बजट सेशन 2015 |
122% |
102% |
मानसून सेशन 2015 |
48% |
9% |
विंटर सेशन 2015 |
104% |
46%
|
आखिरी दिन दस मिनट में बिना चर्चा के पास हुए तीन बिल
- संसद के विंटर सेशन के आखिरी दिन बुधवार को राज्यसभा ने महज 10 मिनट में तीन बिलों को मंजूरी दे दी। वह भी बिना डिबेट के। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
- राज्यसभा ने जिन बिलों को मंजूरी दी, उनमें कॉमर्शियल कोर्ट्स, कॉमर्शियल डिवीजन एंड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीजन ऑफ हाईकोर्ट बिल। इसके अलावा एटॉमिक एनर्जी (अमेंडमेंट) बिल और अार्बिट्रेशन एंड कन्शीलिएशन बिल पास कराया गया।
- इन बिलाें को पास करने पर पिछले दिनों सभापति हामिद अंसारी की ओर से बुलाई गई ऑल पार्टी मीट में सरकार और अपोजिशन में आम राय बनी थी।
- सदन में बिना चर्चा के बिल पारित किए जाने पर सीपीएम ने एतराज जताया और सदन से वाकआउट कर गए।
- पार्टी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि यह संसदीय परंपराओं के लिहाज से सही नहीं है।
संसद में उठा अयोध्या में राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का मुद्दा
- संसद में बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर के लिए पत्थर तराशे जाने का मामला उठा।
- राज्यसभा में जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि सरकार को इस पर जल्द रोक लगानी चाहिए।
- हंगामे के बाद राज्यसभा को स्थगित करना पड़ा।
नेताओं ने क्या कहा?
- जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, ''मंदिर निर्माण कार्यशाला के लोग पत्थर मंगवा रहे हैं। सब जानते हैं कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अभी दस्तावेज का अनुवाद भी नहीं हुआ है। केवल माहौल गरमाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।''
- बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, ''सपा इस समय पावर में है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, कोई फैसला नहीं आया है तो राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई गलत काम नहीं हो। अगर कुछ गलत होता है, तो बीजेपी के साथ सपा भी जिम्मेदार होगी।''
सरकार ने क्या दिया जवाब?
संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्यसभा में कहा, "जहां शिला पूजन हुआ है, वह जगह विवादित जगह से काफी दूर है।"
संसद में क्यों उठा मुद्दा?
- तीन दिन पहले यूपी के अयोध्या में राम मंदिर के लिए नई शिलाओं की पूजा की गई थी।
- रविवार को राजस्थान से पत्थर अयोध्या पहुंचे। इन पत्थरों की राम जन्मभूमि न्यास के प्रेसिडेंट महंत नृत्य गोपालदास ने पूजा की। बताया जा रहा है कि पत्थरों को बाहर से मंगाने की प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई थी।
- पूजने के बाद पत्थर रामसेवक पुरम में रखे गए हैं। यहीं से इन शिलाओं को निर्माण स्थल पर भेजा जाएगा।
- बीते जून में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को दान दिए जाने की घोषणा की गई थी।
यूपी के सीएम ने मांगी है रिपोर्ट
- इस मामले में यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने होम सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है।
- राज्य सरकार का कहना है कि किसी को भी पत्थर मंगाने की इजाजत नहीं दी गई है। इसकी जांच की जाएगी।