सरस्वती कॉलेज में १० को दी जाएगी दिवंगत अधिवक्ता लखनपाल मंगला को भावभीनी श्रदांजलि
हरियाणा कमांडर पलवल
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यहां के बाइपास रोड स्थित उसी सरस्वती महिला कॉलेज में 10 जनवरी रविवार को दिवंगत अधिवक्ता लखनपाल मंगला याद किए जाएंगे। जिसकी 1984 में नींव रखवाने के वह स्वयं मुख्य सूत्रधार थे। सुबह 9 बजे आगरा चौक स्थित निवास पर हवन यज्ञ किया जाएगा। दोपहर 3 बजे बाइपास स्थित सरस्वती महिला कॉलेज में श्रदांजलि सभा व रस्म पगड़ी होगी।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के असली सूत्रधार रहे लखनपाल मंगला ने आज के सर्वाधिक प्रतिष्ठित सरस्वती कॉलेज की तब नींव रखी, जब यहां ज्यादातर कन्याओं को 10-12वीं तक पढ़ाकर उसके हाथ पीले कर दिए जाते थे। उस दौर में श्री मंगला ने कन्याओं को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए व्यक्तिगत प्रयास शुरू किए। जिसका परिणाम यह निकला कि सरस्वती महिला कॉलेज की नींव 1984 में उनके द्वारा रखी गई। यह कालेज 1988 में जब आस्तित्व में आया तो लोगों को अपनी बेटियों को डिग्री दिलाने में यह कॉलेज सर्वोत्तम माध्यम बन गया। आज यह कॉलेज हजारों कन्याओं को उच्च शिक्षा देकर उनको खुशहाल व सुखी जीवन देने वाला शिक्षण संस्थान बन चुका है। कन्याओं के लिए सबसे सुरक्षित माना जाने वाले वाला सरस्वती कॉलेज श्री मंगला के संरक्षण में ही पल्लवित हुआ है।
राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्र में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाले श्री मंगला ने राजनीति में घुसपैठ कभी नहीं की। उन्होंने यदि खुद को राजनीति में उतारा होता तो निसंदेह सन् 1977 में लोकसभा टिकट पर जनता पार्टी के वह उम्मीदवार होते। तब जनता पार्टी के दिगगज नेता चौ. चरण सिंह ने स्वयं उन्हें यहां से टिकट का ऑफर किया था। परंतु श्री मंगला ने इंकार कर दिया था। विधानसभा चुनाव में भी पूर्व विधायक मूलचंद मंगला(अब दिवंगत) को जनता पार्टी का टिकट दिलाने में श्री लखन पाल मंगला का अहम योगदान रहा था।
दिवंगत श्री लखनपाल मंगला सरस्वती शिक्षण संस्थान की सुप्रीम बॉडी के चेयरमैन थे। 26 जुलाई 1931 को जन्में श्री मंगला स्वजनों में बाबू जी के नाम से विख्यात थे। उन्होंने अपने सक्रिय काल में ही सुपुत्र अतुल मंगला को शिक्षण संस्थान का दायित्व सौंप दिया था। सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के एडीशनल एडवोकेट जनरल अतुल मंगला एडवोकेट ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए सरस्वती शिक्षण संस्थान का गौरव ओर बढ़ाया है।