पलवल में सर्राफ, स्वर्णकार, कारीगर, गलाई वालों ने वित्त मंत्री जेटली का पुतला फूंका
होलिका दहन की बजाए जेटली के पुतले को किया आग के हवाले
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हरियाणा कमांडर/पलवल
यहां के सैकड़ों सर्राफ, स्वर्णकार, गलाई वाले कारीगरों ने आज बुधवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली का पुतला फूंका व मोदी-जेटली मुर्दाबाद के नारे लगाए। पुतला फूकनें का कार्यक्रम आज अचानक बना। आनन फानन में एक दूसरे को सूचना देकर सभी को एकत्रित किया गया। सुबह सभी लोग धरनास्थल पर एकत्रित हुए फिर कमेटी चौक पहुंचे जहां जेटली के पुतले की अर्थी सजाई गई। अर्थी को कंधा देेते हुए सभी लोग बाजार होते हुए मीनारगेट पहुंचे। जहां पुतला फंूका गया। गुस्साए सर्राफों, स्वर्णकारों व कारीगरों ने मोदी-जेटली को जी भर कर उपमाएं देते हुए अपना गुस्सा उतारा। इस अवसर पर सर्राफा एसोसिएशन के प्रधान राजेन्द्र जैन, स्वर्णकार संघ के प्रधान वेदप्रकाश वर्मा व श्री गणेश उत्सव मंडल के निवर्तमान प्रधान रमेश सालुंखे, मुकेश मित्तल, संजय गोयल, राजीव गोयल, महेश गोयल, उमेश अग्रवाल, शंकर शिंदे, राजकुमार वर्मा, जुगल किशोर वर्मा, संजय वर्मा, मनोज वर्मा, अश्वनी मित्तल, हरीओम मित्तल, राकेश जैन, विनोद वर्मा, प्रमोद वर्मा, सुभाष वर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
धरने पर बैठे पलवल के सभी सर्राफ, स्वर्णकार, गलाई वाले व कारीगरों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को चेतावनी दी है कि उनकी राष्टश्व्यापी हड़ताल के चलते भविष्य में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में अच्छा खासा असर पड़ेगा। खासकर पंश्चिम बंगाल में भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी। केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ रोष जता रहे सर्राफ व स्वर्णकारों ने चुन्नी लाल की धर्मशाला में बैठक कर हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया। कहा कि हम सभी दिल्ली के साथ हैं। उनका कहना है कि जब तक केन्द्र सरकार 1 प्रतिशत लगाई गई एक्साइज डयूटी व दो लाख रूपए की सेल परचेज पर आईडी पू्रफ लगाने के फैसले को वापस नहीं लेगी तब तक हड़ताल यूं ही चलती रहेगी। इंस्पेक्टरी राज समाप्त होना चाहिए। सर्राफा एसोसिएशन के प्रधान राजेन्द्र जैन, स्वर्णकार संघ के प्रधान वेदप्रकाश वर्मा व श्री गणेश उत्सव मंडल के निवर्तमान प्रधान रमेश सालुंखे ने कहा कि मोदी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कल तक मोदी कांग्रेस शासन में उनके हित की बात कहते थे, आज सत्ता में आए तो सब कुछ भूल गए। उन्होंने कहा कि शनिवार तक इसी तरह धरना चलता रहेगा। शनिवार को फिर से सभी सर्राफ, स्वर्णकार, कारीगर मीटिंग करके भविष्य की रणनीति पर विचार करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया में भी उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। कभी घोड़े की तो कभी कन्हैया की खबरें तो प्रमुखता से अखबारों व टीवी चैनलों पर दिखाई जाती हैं मगर राष्ट्रव्यापी ज्वैलर्स हड़ताल को एक कोने में डाल दिया है। हड़ताल को लेकर कोई कवरेज नहीं है। ऐसा लगता है मीडिया या तो सरकार के प्रेशर में या फिर लाइजिनिंग का शिकार है।
यहां के सर्राफ, स्वर्णकार, गलाई वाले कारीगर इस बार होली नहीं मनाएंगे
यह निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा लगाई गई 1 प्रतिशत एक्साइज डयूटी व दो लाख रूपए की सेल परचेज पर आईडी प्रूफ लगाने के फरमान सहित इंस्पेक्टर राज के विरोध में लिया गया है। श्री गणेश उत्सव मंडल के प्रधान शाह जी शिंदे, पूर्व प्रधान रमेश सालुंखे, उपप्रधान नारायण गेहवाली व भीमराव निकम, प्रमोद जाघव, सचिन चव्हाण, संजय गोसावी, मनोज बाबर, राहुल पारिख ने बताया कि इस बार होली नहीं मनाएंगे क्योंकि इस बार होली का रंग काला पड़ गया है। इसलिए उनकी होली काली रहेगी। हड़ताल के चलते महाराष्ट्र व बंगाल से आए सैंकड़ों गलाई वाले कारीगरों के समक्ष परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार अपने निर्णय फौरन वापस ले। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार चल रही हड़ताल के चलते रोजमर्रा की कमाई करने वाले कारीगरों के समक्ष भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई है। यदि यही हाल रहा तो उनके परिवार कैसे चलेंगे, इसको लेकर चिंता के मारे रात को नींद नहीं आती, दिन का चैन खराब हो गया है।
छोटे कारीगरों पर संकट, गए वापस अपने घर: सर्राफा व्यवसाय से जुड़े दूर दराज के राज्यों महाराष्ट,्र बंगाल, एमपी व बिहार से आए कारीगरों में से अनेकों कारीगर अपने अपने घरों को वापस लौट गए हैं। उनके सामने परिवार चलाना दूभर हो गया है। ऐसे कारीगरों के लिए रोजाना काम करके आय होती थी। परंतु अब पिछले कई दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते उनके लिए परिवार चलाना दूभर हो गया है। पलवल में ऐसे करीब ढाई सौ परिवार हैं जो ज्वैलरी व्यवसाय से जुड़े कारीगर हैं।